बुधवार, 25 दिसंबर 2013

साजिशों और षड़यंत्रों के
घनीभूत जाले हैँ,
पुराने और बेहद जहरीले
फंगस लगे बरगद पर.
जस का तस रखा गया है उसे
चिमगादड़ी गुफा के पास.
आधुनिकता के पुरातत्व
की नुमाइश पर.
पुराने राजवंश
पुराने खूनी अय्यार
पुरानी बर्बरियत
पुरानी चौपट बुद्धि
सब जस की तस रखी गयी है
(असली राज यहां से चलता था)
पर बाहर काव्य था शौर्य था
मिथक गाथायें थीँ
दयालु और दूरदर्शी राजा
लगना ही था राजा
इतनी कवायदों के बाद.
लौट आया मैं
अनछुए मगर कवर्ड’
पुरातत्व के खंडहर से.
क्यूं करते हैं ये सब वे?
मैंने सोचा!
और अचानक भयभीत हो गया!
उप्स!!
बाहर वही बरगद
आधुनिक रूप में मौजूद था
मायावी मेगा स्ट्रक्चर
ज्ञान, विज्ञान, मेधा से झिलमिल दिग्भ्रम!!
साजिशें, षड़यंत्र, खूनी अय्यार
बर्बरियत, चौपट बुद्धि
जस के तस मौजूद थे!
(असली राज यहां से चलता है)
आधुनिक लिबास थे
काव्य था शौर्य था
आधुनिक मिथक गाथायें थीं.
और राजा दयालु था!
मुझे डर है,
मुझे समझ आ गयी है
ये मक्कार पहेली!
अब क्या होगा?
उनको अहसास हो जाये तो!!
कि मेरे पास डर का गुप्त खजाना है!
 

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