बुधवार, 25 दिसंबर 2013

जिस दिन हम बंद कर देंगे अपने
बीते कल कि पैरवी करना तो
हमारे आने वाले कल को सवारने से क्या कोई रोक सकेगा?
और आने वाला कल भी हमेशा
बीता हुआ कल ही बनता है
 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

यह अभिव्यक्ति आपको कैसी लगी, जरुर साझा करें.